एक बहुत ही महत्वपूर्ण बात समझने की कोशिश करियेगा रावण जब रणभूमि में मृत्युशय्या पर अंतिम सांसेएक बहुत ही महत्वपूर्ण बासमझने की कोशिश करियेगरावण जब रणभूमि में मृत्युशय्या पर अंतिम सांसे ले रहा थतब उसने श्री राम से कहा'राम मैं तुमसे हर बात में श्रेष्ठ हूँआयु में भी तुमसे बड़ा हूँमेरा कुटुम्ब तुम्हारे कुटुम्ब से बड़ा हैमेरा वैभव तुमसे अघिक हैंतुम्हारा महल स्वर्णजड़ित हपरन्तु मेरी पूरी लंका ही स्वर्ण नगरी हैमैं बल और पराक्रम में भी तुमसे श्रेष्ठ हूँमेरा राज्य तुम्हारे राज्य से बड़ा हैज्ञान और तपस्या में तुमसे श्रेष्ठ हूँइतनी श्रेष्ठताओं के होने पर भी रणभूमि में मैं तुमसे परास्त हो गयासिर्फ इसलिये कतुम्हारा भाई तुम्हारे साथ हैऔर मेरा भाई मेरे ही खिलाफ |कहावत है क"घर फूटे त गाँव लुटेमतलब अपनो का जब साथ नहीं होता तो परायइस बात का फायदा उठाकहमे हर क्षेत्र में हरा सकते है।इसलिए हमे हमेशा एक जुट रहना चाहिए।
ये देश उस दिन फिर से सोने की चिङिया होगा जिस दिन हर भारतीय कुछये देश उस दिन फिर से सोने की चिङिया होगा जिस दिन हर भारतीय कुछ भी करने से पहले ये सोचे कि मैं जो कर रहा हूँ वो मेरे देश के हित में है या नहीं निजी हित को छोङकर राष्ट्रहित की भावना होनी चाहिये सोचो की जो मैं कर रहा हूँ उस से कहीं मेरे देश के लोगों को नुकशान तो नही
चंद लाइनें बहुत ही खूबसूरत अगर आप तक पहुँच सकेंचंद लाइनें बहुत ही खूबसूरत अगर आप तक पहुँच सकें....फजूल ही पत्थर रगङ कर आदमी ने चिंगारी की खोज कीअब तो आदमी आदमी से जलता है..मैने बहुत से ईन्सान देखे हैं,जिनके बदन पर लिबास नही होताऔर बहुत से लिबास देखे हैं,जिनके अंदर ईन्सान नही होताकोई हालात नहीं समझता ,कोई जज़्बात नहीं समझताये तो बस अपनी अपनी समझ की बात है...कोई कोरा कागज़ भी पढ़ लेता है,तो कोई पूरी किताब नहीं समझता!"चंद फासला जरूर रखिए हर रिश्ते के दरमियानक्योंकि"नहीं भूलती दो चीज़ें चाहे जितना भुलाओ....!....एक "घाव"और दूसरा "लगाव"..
शुभप्रभातम् हर सच्चाई के पीछे एक हिंमत होती है और हर जुठ के पीछे एक डरशुभप्रभातमहर सच्चाई के पीछे एक हिंमत होती है और हर जुठ के पीछे एक डर । सच्चाई कडवी दवाई की तरह होती है जैसे एक कडवी दवाई शरीर में जाते ही असर दिखाती है वैसे ही सच्चाई को अपनाते ही हिंमत और विश्वास का अनुभव होता है॥ जय श्री कृष्ण:
एक आदमी ने देखा की एक गरीबएक आदमी ने देखा की एक गरीब,,,बच्चा उसकी कीमती कार को निहार रहा है। उसे रहम आ गया और उसने उस बच्चे को अपनी कार में बैठा लिया।बच्चा : आपकी कार बहुत महंगी है ना।आदमी : हाँ। मेरे बड़े भाई ने मुझे उपहार में दी है।बच्चा : आपके बड़े भाई कितने अच्छे आदमी हैं।आदमी: मुझे पता है तुम क्या सोच रहे हो। तुम भी ऐसी कार चाहते होना? बच्चा: नहीं। मै भी आपके बड़े भाई जैसा बनना चाहता हूँ। मेरे भी छोटे भाई बहन हैंना।thought of the day.."अपनी सोच को हमेशा ऊंचा रखें,दूसरों की अपेक्षाओं से भी कहीं ज्यादा ऊंचा
आईना भी भला कब किसी को सच बता पाया है ! जब भी देखो दायां तोआईना भी भला कब किसी को सच बता पाया है जब भी देखो दायां तो बायां ही नज़र आया है