दो दिन की जिंदगी हैदो दिन की जिंदगी है, इसे दो उसूलों से जिओरहो तो फूलों की तरह; औबिखरों तो खुशबु की तरह।...
कभी भी 'कामयाबी' को दिमाग और 'नकामी' को दिल में जगह नहीं देनी चाहिए। क्योंकिकभी भी 'कामयाबी' को दिमाग और 'नकामी' को दिल में जगह नहीं देनी चाहिएक्योंकि, कामयाबी दिमाग में घमंड और नकामी दिल में मायूसी पैदा करती है
कोई कार्य तुच्छ नहीं होता। यदि मनपसन्द कार्य मिल जाएकोई कार्य तुच्छ नहीं होता।यदि मनपसन्द कार्य मिल जाए,तो मूर्ख भी उसे पूरा कर सकता हैं,किंतु बुद्धिमान इंसान वही हैं,जो प्रत्येक कार्य को अपने लिए रुचिकर बना ले
कोई व्यक्ति कितना ही महान क्यों न होकोई व्यक्ति कितना ही महान क्यों न हो, आंखे मूंदकर उसके पीछे न चलिएयदि ईश्वर की ऐसी ही मंशा होती तो वह हर प्राणी को आंख, नाक, कान, मुंह, मस्तिष्क आदि क्यों देता
सत्य के लिए हर वस्तु की बलि दी जा सकती हैसत्य के लिए हर वस्तु की बलि दी जा सकती हैकिन्तु सत्य की बलि किसी भी वस्तु के लिए नहीं दी जा सकती है