दरिया वफाओं का कभी रुकता नहींदरिया वफाओं का कभी रुकता नहींमोहब्बत में इंसान कभी झुकता नहींखामोश हैं हम उनकी ख़ुशी के लिएवो समझते हैं कि दिल हमारा दुखता ही नहीं
उसको चाहा तो बहुत मगर इज़हार करना नहीं आयाउसको चाहा तो बहुत मगर इज़हार करना नहीं आयाकट गयी उम्र सारी मगर प्यार करना नहीं आयाउसने कुछ माँगा भी तो माँग ली जुदाई हमसेहम करते भी क्या क्योंकि हमें इंकार करना नहीं आया
तेरी याद में आंसुओं का समंदर बना लियातेरी याद में आंसुओं का समंदर बना लियातन्हाई के शहर में अपना घर बना लियासुना है लोग पूजते हैं पत्थर कोइसलिए तुझसे जुदा होने के बाद दिल को पत्थर बना लिया
हमने भी किसी से प्यार किया थाहमने भी किसी से प्यार किया थाकम नहीं, बेशुमार किया थाज़िंदगी बदल गई थी तब उसने कहा किपागल तू सच समझ बैठा, मैने तो मज़ाक किया था
अपनी तो ज़िन्दगी है अजीब कहानी हैअपनी तो ज़िन्दगी है अजीब कहानी हैजिस चीज़ को चाहा वो चीज़ ही बेगानी हैहँसते भी है तो दुनिया को हँसाने के लिएवरना दुनिया डूब जाये इन आखों में इतना पानी है
ऐ दिल मत कर इतनी मोहब्बत तू किसी सेऐ दिल मत कर इतनी मोहब्बत तू किसी सेइश्क़ में मिला दर्द तू सह नहीं पायेगाएक दिन टूट कर बिखर जायेगा अपनों के हाथों सेकिसने तोडा ये भी किसी से कह नहीं पायेगा