वो पेड़ ही क्या जो वक़्त के साथ बड़ा ना हो जायेवो पेड़ ही क्या जो वक़्त के साथ बड़ा ना हो जायेऔर वो चूची ही क्या जिसे देखते ही लंड खड़ा ना हो जाये
वो उम्र भर कहते रहे तुम्हारे "सीने में दिल" ही नहींवो उम्र भर कहते रहे तुम्हारे "सीने में दिल" ही नहींदिल का दौरा" क्या पड़ा, ये दाग भी धुल गया
मिजाज़ ए इश्क़ होम्योपैथिक है उनकामिजाज़ ए इश्क़ होम्योपैथिक है उनकाना सुइयाँ, ना बोतल, ना एक्सरे, ना दाखिलाहम दर्द बयाँ करते रहे और वो मीठी गोलियाँ देते रहे
जिंदगी दिन प्रतिदिन मजदूर हुई जा रही हैजिंदगी दिन प्रतिदिन मजदूर हुई जा रही हैऔर लोग 'इंजीनियर साहब' कहके ताने दिए जा रहे हैं