मोहब्बत की आजमाइश देते-देते थक गया हूँ ए-गालिबमोहब्बत की आजमाइश देते-देते थक गया हूँ ए-गालिबलगता है अब पैसे देकर ही किसी की लेनी पड़ेगी
सींग नही होते लोमड़ी केसींग नही होते लोमड़ी केसींग नही होते लोमड़ी के.......और कैसा रहा आज का दिन भोसड़ी के
अर्ज़ किया है:अर्ज़ किया हैउसने होंठों से छू कर लौड़े पे नशा कर दियालंड की बात तो और थी यारो उसने तो झांटों को भी खड़ा कर दिया
हर पैंटी में एक राज़ होता हैहर पैंटी में एक राज़ होता हैहर ब्रा के खुलने का एक अंदाज़ होता हैजब तक ना लगे लंड की कोई ठोकरहर लड़की को अपनी चूत पर नाज़ होता है
कितना बेबस है इंसानकितना बेबस है इंसान, किस्मत के आगेहर सपना टूट जाता है हकीकत के आगेजिसने कभी हाथ न फेलाया हो,वो भी हाथ फेलता है `गोलगप्पे वाले` के आगे