तीन रिश्ते तीन वक़्त में ही पहचाने जा सकते हैं!तीन रिश्ते तीन वक़्त में ही पहचाने जा सकते हैंपत्नी: गरीबी मेंदोस्त: मुसीबत मेंऔलाद: बुढ़ापे में
रिश्तों की कदर भी पैसों की तरह ही करनी चाहिए क्योंकि दोनों को कमाना मुश्किलरिश्तों की कदर भी पैसों की तरह ही करनी चाहिए क्योंकि दोनों को कमाना मुश्किल है पर गँवाना आसन है
रिश्ते कभी जिंदगी के साथ साथ नहीं चलतेरिश्ते कभी जिंदगी के साथ साथ नहीं चलतेरिश्ते एक बार बनते हैं और फिर जिंदगी रिश्तों के साथ साथ चलती है
जो सुख में साथ दें वो रिश्ते होते हैं और जो दुःख में साथ होंजो सुख में साथ दें वो रिश्ते होते हैं और जो दुःख में साथ हों वो फ़रिश्ते होते हैं
रिश्ते "स्टोर रूम" में रखे समान की तरह हो गए हैं!रिश्ते "स्टोर रूम" में रखे समान की तरह हो गए हैंजिन्हें आजकल ज़रूरत पड़ने पर ही इस्तेमाल किया जाता है
रिश्तों से बड़ी चाहत और क्या होगीरिश्तों से बड़ी चाहत और क्या होगीदोस्ती से बड़ी इबादत और क्या होगीजिसे दोस्त मिल सके कोई आप जैसाउसे ज़िंदगी से कोई और शिकायत क्या होगी