दिल तोड़ना शायद उनकी आदत सी हो गयी हैदिल तोड़ना शायद उनकी आदत सी हो गयी हैवरना वो तो फूल भी नहीं तोड़ते थेआज हमसे दूर-दूर से रहते हैं वोएक वक़्त था जब साथ नहीं छोड़ते थे वो
दूरियां बहुत हैं मगर इतना समझ लोदूरियां बहुत हैं मगर इतना समझ लोपास रह कर ही कोई ख़ास नहीं होतातुम इस कदर पास हो मेरे दिल केमुझे दूरियों का एहसास नहीं होता
अब अगर जुबान से नाम लेते हैंअब अगर जुबान से नाम लेते हैंतो इन आँखों में आँसू आ जाते हैंकभी घंटो बातें किया करते थेऔर अब एक लफ्ज़ के लिए तरस जाते हैं
तमाम उम्र ज़िंदगी से दूर रहें आपकीतमाम उम्र ज़िंदगी से दूर रहें आपकीख़ुशी के लिए अपनी ख़ुशी से दूर रहेंअब इससे बढ़कर वफ़ा की सज़ा क्या होगीकि आपके होकर भी आपसे दूर रहे
कोई दूर है तो कोई पास हैकोई दूर है तो कोई पास हैयह वक़्त-वक़्त की बात हैहम तुम दूर हैं तो क्या हुआआपकी चाहत की यादें तो हमेशा अपने साथ हैँ
दूरियों से फर्क पड़ता नहींदूरियों से फर्क पड़ता नहींबात तो दिलों की नज़दीकियों से होती हैदोस्ती तो कुछ आप जैसों से हैवरना मुलाकात तो जाने कितनों से होती है