मोहबबत में नहीं है फ़र्क जी ने और मरने कामोहबबत में नहीं है फ़र्क जी ने और मरने काउसी को देख कर जीते हैं जिस क़ाफ़िर पे दम निकले
धनक धनक मेरी पोरों के ख़्वाब कर देगाधनक धनक मेरी पोरों के ख़्वाब कर देगावो लम्स मेरे बदन को गुलाब कर देगाधनक: इन्द्रधनुलम्स: स्पर्
इतना बेताब न हो मुझसे बिछड़ने के लिएइतना बेताब न हो मुझसे बिछड़ने के लिएतुझे आँखों से नहीं मेरे दिल से जुदा होना है