उनको सोते हुए देखा था दमे-सुबह कभीउनको सोते हुए देखा था दमे-सुबह कभीक्या बताऊं जो इन आंखों ने समां देखा था
हमने भी कभी चाहा था एक ऐसे शख्स कोहमने भी कभी चाहा था एक ऐसे शख्स कोजो था आइने से नाज़ुक मगर था संगदिल
बस इक झिजक है यही हाल-ए-दिल सुनाने मेंबस इक झिजक है यही हाल-ए-दिल सुनाने मेंकि तेरा ज़िक्र भी आएगा इस फ़साने में
पहली मोहब्बत पुराने मुक़द्दमे की तरह होती हैपहली मोहब्बत पुराने मुक़द्दमे की तरह होती हैन ख़त्म होती है और न इन्सान बाइज्जत बरी होता है