लड़कियो को hot बोल बोल के बेमतलब सूर्य भगवान से पंगा ले लिया, अब वो रोज 1-1 डिग्री बढाकर पूछ रहे है, कि अब बता hot कौन. happy summer.
'नहाना' मेरी समझ से परे है - जिस शब्द के आगे 'न' है और पीछे 'ना' है, उस पर हाँ करवाने पर ये दुनिया क्यों तुली है।
जुड़वां बच्चे अपने कमरे में बैठे थे। एक हंस-हंस के लोटपोट हो रहा था, जबकि दूसरा उदास था। पिता: इतना क्यों हंस रहे हो? बच्चा: मम्मी ने दोनों बार इसी को नहला दिया …! happy winter
सुनो गौर से 'पेप्सी' वालो; बुरी नज़र न 'कोक' पे डालो; चाहे जितना 'लिम्का' पिला लो; सबसे आगे होंगे 'निम्बुं पानी'; हमने पिया है तुम भी पिओ। शुभ गर्मी।
कंबल और रज़ाई को करो माफ़; ऐ-सी और कूलर कर लो साफ़; पसीना छूटेगा दिन और रात; अब बिना नहाये नहीं बनेगी बात; अब अपने नेचर में रखो नरमी; मेरी तरफ से आप सभी को शुभ गर्मी।
हमें बचपन में सिखाया गया था कि ज्यादा गर्मी अच्छी नहीं। कृपया मुझे यह बतायें की किसी ने भी यह शिक्षा 'सूर्य' को नहीं दी।
ज़िंदगी में एक बात हमेशा याद रखना कि तुम्हारे आँसू पोंछने वाले तो बहुत से लोग मिल जायेंगे। . .. ... मगर तुम्हारी नाक पोंछने वाला कोई नहीं मिलेगा। इसलिये बच के रहो क्योंकि मौसम ख़राब है और जुखाम हो सकता है।
आसमान में काली घटा छाई है; आज फिर बीवी ने दो बातें सुनाई है; दिल तो करता है सुधर जाऊं मगर; बाजूवाली आज फिर भीग कर आई है। शुभ वर्षा ऋतू।
आज मौसम कितना खुश गंवार हो गया; खत्म सभी का इंतज़ार हो गया; बारिश की बूंदे गिरी कुछ इस तरह से; लगा जैसे फलक को ज़मीन से प्यार हो गया। हैप्पी मानसून।
भीगे मौसम की भीगी सी सूरत; भीगी सी याद भूली हुई बात; वो भीगी सी आँखें, वो भीगा हुआ साथ; मुबारक हो आपको, आज की खूबसूरत बरसात।