निकल आया चाँद, बिखर गए सितारे; सो गए पंछी छिप गए नज़ारे; खो जाओ आप भी मीठे ख़्वाबों में; देखो रात में सपने प्यारे-प्यारे। शुभ रात्रि।
शुभ रात्रि। अब सो जाओ, नीचे का मैसेज सुबह पढ़ना। . .. ... गुड मोरनिंग। . . . . . . उठ जाओ अब, ऊपर का मैसेज शाम को पढ़ लेना, रोज़ रोज़ का टेंसन ही खत्म।
बढ़िया सी आपकी रात की शुरुआत हो; प्यार भरे सपनो की बरसात हो; जिनकों दिन भर ढूढ़ती रही आपकी पलकें; रब करे सपनों में उन्हीं से मुलाक़ात हो। शुभ रात्रि।
चाँद का कलर है वाइट; रात को चमकता है ब्राइट; हमको देता है मस्त लाइट; कैसे मैं सूओं बिना कहे 'गुड नाईट'।
फूल खुशबु के लिए; प्यार निभाने के लिए; आँखें दिल चुराने के लिए; और मेरा मैसेज आपको मेरी याद दिलाने के लिए। शुभ रात्रि।
सोचा किसी अपने से बात करूँ; अपने किसी ख़ास को याद करूँ; किया जो फैसला गुड नाईट कहने का; दिल ने कहा क्यों ना पहले आपसे ही शुरुआत करूँ। शुभ रात्रि।
ये रात चांदनी आपके आँगन में आये; ये तारे सारे लोरी गा कर सुनायें; हो आपके इतने प्यारे सपने यार; कि नींद में भी आप मुस्कुराएं। शुभ रात्रि।
रात खामोश है, चाँद भी खामोश है; पर मेरे दिल में बहुत शोर है; कहीं ऐसा तो नहीं कि हमारा प्यारा सा दोस्त; बिना "शुभ रात्रि" कहे बिना सो रहा है।
चमकते चाँद को नींद आने लगी; आपकी ख़ुशी से दुनिया जगमगाने लगी; देख के आपको हर कली गुनगुनाने लगी; अब तो फेकते-फेकते मुझे भी नींद आने लगी। शुभ रात्रि।
होंठ कह नहीं सकते जो फ़साना दिल का; शायद नज़र से ही वो बात हो जाए; इस उम्मीद में करते हैं इंतज़ार हम रात का; कि शायद सपनों में ही मुलाक़ात हो जाए। शुभ रात्रि।
सोने वाले यात्री कृपया ध्यान दें: आपके मोबाइल की बैटरी ख़तम होने वाली है। आप कृपया अपने मोबाइल चार्ज पर लगा के सो जायें। सुबह 'स.म.स.' (SMS) का सिलसिला दोबारा शुरू किया जायेगा। शुभ रात्रि।
मेरी हर रात में आपको याद होती है; चाँद तारों से रोज यही बात होती है; मेरे ख़्वाबों में बिलकुल न आना आप; क्योंकि डरावनी सूरत से हमारी नींद ख़राब होती है। शुभ रात्रि।