एक बचपन का जमाना था, जिस में खुशियों का खजाना था.. चाहत चाँद को पाने की थी, पर दिल तितली का दिवाना था.. खबर ना थी कुछ सुबहा की, ना शाम का ठिकाना था.. थक कर आना स्कूल से, पर खेलने भी जाना था... माँ की कहानी थी, परीयों का फसाना था.. बारीश में कागज की नाव थी, हर मौसम सुहाना था..
रहे सलामत जिंदगी उनकी,.,,,,,, जो मेरी खुशी की फरियाद करते है..,,, ऐ खुदा उनकी जिंदगी खुशियों से भरदे,,,,,, जो मुझे याद करने में अपना एक पल बर्बाद करते है.....
जब किसी जरुरतमंद की आवाज़ तुम तक पहुंचे तो परमात्मा का शुक्र अदा करना... की उसने अपने बंदे की मदद के लिए तुम्हे पसंद किया हे। वरना वो तो सबके लिए अकेला ही काफी 1ebहे।
बिन आपके कुछ भी अच्छा नहीं लगता; अब मेरा वजूद भी सच्चा नहीं लe17ता; सिर्फ आपके इंतज़ार में कट रही है ये ज़िंदगी; वरना अब तक तो मौत के आगोश में सो जाती ये ज़िंदगी।
मेरा इश्क सिर्फ मुझसे ही प्यार करता है, रात दिन वो तो बस मेरा दीदार करता है, मुझे समा रखा है उसने अपने दिल में ऐसे, जैसे मोहब्बत दरिया से समंदर करता है, . मेरी साँसे बन गई हैं पहचान उसकी, मेरी धड़कनों में बसी है जान उसकी, इसलिए हर पल वो मेरा दीदार करता है, क्योंकि वो सिर्फ मुझसे ही प्यार करता है, . जो मैं कहूँ दिन को रात तो वो कहे रात है, मेरी हर ख़ुशी हर गम में वो मेरे साथ है, हर जनम में वो मेरा ही इंतज़ार करता है, क्योंकि वो सिर्फ मुझसे ही प्यार करता है....
क्यूँ तबीअत कहीं... क्यूँ तबीअत कहीं ठहरती नहीं; दोस्ती तो उदास करती नहीं; हम हमेशा के सैर-चश्म सही; तुझ को देखें तो आँख भरती नहीं; शब-ए-हिज्राँ भी रोज़-ए-बद की तरह; कट तो जाती है पर गुज़रती नहीं; ये मोहब्बत है, सुन, ज़माने, सुन; इतनी आसानियों से मरती नहीं; जिस तरह तुम गुजारते हो फ़राज़; जिंदगी उस तरह गुज़रती नहीं।
जाते हुए उसने सिफे इतना कहा था मुझसे ओ पागल ......... ............ .......... ........ ...... .... ... .. . अपनी जिँदगी जी लेना....... .......... ......... ........ ....... ...... ..... .... ... .. . वैसे प्यार अच्छा करते हो.
मै तुझे प्यार कर जाऊँ बिन तेरे सनम मर जाऊँ मेरे साँसो की धड़कन मे तुम हो मेरे इस जीवन मे जीवन का पन्ना भर जाऊँ बिन तेरे .... हद से भी ज्यादा प्यार दँू तुझको प्यार ही उपहार दँू प्यार मे सब कुछ हार जाऊँ बिन तेरे..... तन मे जब तक साँस रहे मेरे हाथ मे तेरा हाथ रहे कुरबान तुझ पर बार बार जाऊँ बिन तेरे....... heart
तुझसे मिल कर हमने जाना कि जिन्दगी खूबसूरत क्यों है, . . . और तेरे जाने के बाद हमने ये माना की बदसूरत क्यों हैं, . . . तनहा होकर जीना आसान नहीं है हमदम मेरे . . . अब पता चला की मुझे हर पल तेरी जरुरत क्यों है...!!
वो पगली कहती है#सहेली_और_हवेलीअसानी से नही बनती......हम कहते है बंदे मे #दमहोना चाहिए सहेली#फोनपे और हवेली# लोनपे बन ही जाती है