इश्क की आबरू हमने बचा लिया अक्सर चिरागे-दिल से मुकद्दर जला लिया अक्सर कौन चाहेगा कि खुद मौत को पीते जाएं दर्द ने सबको शराबी बना दिया अक्सर वफा का आईना जब तेरी नजर से गुजरा तूने अपना हसीं चेहरा छुपा लिया अक्सर करीब रहते हैं जो रातभर इस कलेजे में चांद वो दिन में हमने बुझा दिया अक्सर फूल जितने भी मायूस होके टूट चुके थे उनसे अपना गुलशन सजा लिया अक्सर गुनाह मैं पूरी तसल्ली से किया करता हूं तेरा खंजर इस सीने पे चला लिया अक्सर
कागज़ पे हमने ज़िन्दगी लिख दी, अशकों से सींच कर खुशी लिख दी, दर्द जब हमने उबारा लफज़ो पे, लोगो ने कहा वाह क्या गज़ल लिख द ी!!
हर मुलाकात को याद हम करतें हैं, कभी चाहत कभी जुदाई कि आह भरते है, यूं तो रोज़ तुम से सपनो मे बात करते हैं पर, फिर से अगली मुलाकात का इन्तज़ार करते है!!
एक नजर की आस जो माॅगीजिन्दगी की कम से कम तलाश माॅगीखो ना जाना इस भीड पहचान तो माॅगीजज्बात आदान प्रदान हो दोस्त नुमाइश नही माॅगीयाॅद करना भुलाना तुम सोचो हमने तो दोस्त से अपनी दोस्ती माॅगी।