दिल में अलग सा ये शोर क्यों हैंउलझी तेरे मेरे रिश्तो की डोर क्यों हैजरा गौर से देख तो सही तेरे हाथो मेंमेरे प्यार की छोटी सी लकीर हैंफिर तेरी उम्मीद इतनी कमजोर क्यों हैजब भी पलके बंद की हैं मेनेबस तेरा ही खयाल आया है ख्वाबो मेंजरा सोच तो सही मुझ पर सिर्फ तेरा ही सरूर क्यों हैजब भी नजरें मिलायी हैं तुजसे तेरी नजर झुकी ही रहीतू इश्क़ नहीं करती मुझसेतो तेरी आँखें चोर क्यों हैतेरे इश्क़ की गहरायी और मेरे इश्क़ की तन्हाईबस तेरे लबो में अरसो से कैद हैंतो फिर तू इज़हार-ए-इश्क़ से दूर क्यों है
जो तू साथ न छोड़े ता-उम्र मेरा ए मेहबूबमौत के फ़रिश्ते को भी इनकार न कर दूं तो कहनाइतनी कशिश है मेरी मुहब्बत की तासीर मेंदूर हो के भी तुझ पे असर न कर दूं तो कहना !
जब भी तुम्हें बाहों में लेता हुऔर तुम जाने की बात करती हो,तो दिल से एक ही आवाज़ आती हैं,” अभी ना जाओ छोड़ कर के दिल अभी भरा नहीं…!!
न कोई किसी से दूर होता है,न कोई किसी के करीब होता है,प्यार खुद चल करआता है,जब कोई किसीका नसीब होता है !
रूठी है राधा श्याम से शायद इसलिए घनघोरघटाऐं छायी हैं...पता नही ये हवाऐं चल रही है या राधा की रूसवाई है..!
बचपन में लोगो से सुना था"जो जितना हँस्ता हैं वो बाद में उतना ही रोता हैं ....आज की श्याम हम भी बहुत हस्से थे ""सच ही कहते थे वो ........!!!"
तेरी दुआओं का असर है, जो अब तक मैं सलामत हूँ.!तेरी आँखों की नमी नहीं, हाथों की लकीरों में बस्ता हूँमैं जानता हूँ जान-ए-जहाँ, तुझे बस मोहब्बत है मुझ सेतेरी साँसों की राह पकड़…., तेरी रूह में बस्ता हूँ….|
मोहब्बत में न जाने कैसी ये अनहोनी हो गयीपता ही नहीं चला कब किस से मोहब्बत हो गयीउन्होंने मेरे करीब आकर मुझे सीने से लगायामौसम हसीं होते ही बिन मौसम बरसात हो गयीमेरे लबों को छू के प्यार का एहसास जगायाजब लिया बांहो में मेरी दिल की धड़कन तेज हो गयीउनके चेहरे की रौनक, नज़ारे नशीली देख मन बहकाउनको एक ही नजर देखा तो ये दिल इबादत हो गयीहाथ थाम कर आज तुजसे ये वादा करते हैं सनमकी ये साँसे ये ज़िंदगानी अब सिर्फ तेरे नाम हो गयी