जब छोटे थे हम ज़ोर से रोते थे, जो पसंद था उसे पाने के लिए; आज बड़े हो गए तो चुपके से रोते हैं; जो पसंद है उसे भुलाने के लिये!
दिल की ख्वाहिश को नाम क्या दूँ; प्यार का उसे पैगाम क्या दूँ; इस दिल में दर्द नहीं उसकी यादे हैं; अब यादे ही दर्द दें; तो उसे इलज़ाम क्या दूँ!
तड़प उठते है, उन्हें याद करके; जो गए है, हमे बर्बाद करके; अब तो इतना ही ताल्लुक रह गया है; कि रो लेते है, बस उन्हें याद करके!
ये चाँद चमकना छोड़ भी दे, तेरी चांदनी मुझे सताती है; तेरे जैसा ही था उसका चेहरा, तुझे देख के वो याद आती है!
एक दिन हमारे आंसुओ ने हमसे पूछा, "हमें रोज़ रोज़ क्यों बुलाते हो?" हम ने कहा, "हम 'नाम-ऐ-हुसैन' लेते हैं, तुम तो खुद ही चले आते हो!"
एक आह जो दिल को रुला दे; एक वाह जो मन को बहला दे; एक राह जो मंजिल को मिला दे; और एक मैसेज, जो अपनों की याद दिला दे!
हम तुमसे दूर कैसे रह पाते; दिल से तुमको कैसे भूल पाते; काश तुम आईने में बसे होते; ख़ुद को देखते तो तुम नज़र आते!
हँसना और हँसाना कोशिश है मेरी; हर कोई खुश रहे, यह चाहत है मेरी; भले ही मुझे कोई याद करे या ना करे; लेकिन हर अपने को याद करना आदत है मेरी!