सुप्रभात ऐ सुरज मेरे अपनो को यह पैगाम देना; खुशियों का दिन हँसी की शाम देना; जब कोई पढे प्यार से मेरे इस पैगाम को; तो उन को चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान देना। सुप्रभात!
ज़िन्दगी एक पल है जिसमे ना आज है ना कल है; जी लो इसको इस तरह कि जो भी आपसे मिले वो यही कहे; बस यही मेरी ज़िंदगी का हसीन पल है। सुप्रभात!
जितनी खूबसूरत ये सुबह है; उतना ही खूबसूरत आपका हर पल हो; जितनी भी खुशियाँ आज आपके पास हैं; उससे भी अधिक आने वाले कल हो। सुप्रभात!
हर सुबह तेरी दुनिया में रौशनी कर दे; रब तेरे ग़म को तेरी ख़ुशी कर दे; जब भी टूटने लगें तेरी साँसें; खुदा तुझमे शामिल मेरी ज़िन्दगी कर दे। सुप्रभात!
हर फूल आपको एक नया अरमान दे; सूरज की हर किरण आपको सलाम दे; निकले कभी जो एक आँसू भी आपका, तो खुदा आपको उससे दोगुनी मुस्कान दे। सुप्रभात।
मीठे बोल बोलिए क्योंकि अल्फाजों में जान होती है, इन्हीं से आरती, अरदास और अजान होती है, ये दिल के समंदर के वो मोती हैं, जिनसे इंसान की पहचान होती है। सुप्रभात!
क्या मांगू मैं खुदा से तेरे वास्ते; सदा ख़ुशियाँ ही रहे तेरे रास्ते; हँसी तेरे चेहरे पे रहे इस तरह; खुश्बू फूलों का साथ निभाती है जिस तरह। सुप्रभात!
सुबह-सुबह आपको एक पैगाम देना है; आपको सुबह का पहला सलाम देना है; गुज़रे सारा दिन आपका ख़ुशी में; आपकी सुबह को खूबसूरत सा नाम देना है। सुप्रभात!
इंसान को कभी भी अपने आप पर ग़रूर नहीं करना चाहिये कयोकि... भगवान ने मेरे जैसे कितनों को मिट्टी से बना कर मिट्टी में मिला दिया। सुप्रभात!
जैसे रात आती है सितारे लेकर; और नींद आती है सपने लेकर; करते हैं दुआ हम कि आपकी हर सुबह आये; बहुत सारी खुशियाँ लेकर। सुप्रभात!
ख़ुशी से दिल को आबाद करना; ग़म को दिल से आज़ाद करना; बस इतनी गुज़ारिश है आपसे कि; हो सके तो कभी हमें भी याद जरुर करना। सुप्रभात!
आपकी ज़िंदगी में कभी गम ना हो; आपकी आँखें कभी आंसुओं से नम ना हो; मिले आपको ज़िंदगी में सारी खुशियाँ; भले ही उस ख़ुशी में हम ना हो। सुप्रभात!