हंसी आपकी कोई चुरा ना पाये; आपको कभी कोई रुला ना पाये; खुशियों का दीप ऐसे जले ज़िंदगी में; कि कोई तूफ़ान भी उसे बुझा ना पाये। सुप्रभात!
भोर प्रभात के होते ही सृष्टि सारी निखर गयी; रात के सारी घेराबन्धी, एक पल में ही बिखर गयी; चढ़ कर आया जब सूरज ऊपर गगन में; फ़ैल गयी यह रौशनी सारे चमन में। सुप्रभात!
हमारे ख्वाब और हमारी उमीदें, हमारे नाखूनों और बालों जैसी होनी चाहिए। जितना भी काटो हमेशा बढ़ते रहते हैं। सुप्रभात!
आपकी आँखों को जगा दिया हमने; सुबह का फ़र्ज़ अपना निभा दिया हमने; मत सोचना कि बस यूँ ही तंग किया हमने; उठकर सुबह भगवान से भी पहले आपको याद किया हमने। सुप्रभात!
यह भी एक दुआ है खुदा से, किसी का दिल न दुखे हमारी वजह से; ऐ खुदा कर दे कुछ ऐसी इनायत हम पे; कि खुशियां ही मिलें सबको हमारी वजह से। सुप्रभात!
इस प्यारी सी सुबह में, प्यारे से मौसम में, ठंडी ठंडी हवाओं के साथ, तुम्हें मिलें जीवन की सारी खुशियां, इसी दुआ के साथ कहते हैं आपको हम सुप्रभात। सुप्रभात!
ऐ सुबह तू जब भी आना, सब के लिए तू खुशियां लाना; हर चेहरे पर हँसी सजाना, हर आँगन में फूल खिलाना। सुप्रभात!
लबों पे मुस्कान, आँखों में ख़ुशी ग़म का कहीं नाम ना हो; हर दिन लाये आप के लिए इतनी खुशियाँ, जिसके ढलने की कोई शाम न हो। सुप्रभात!
हर नयी सुबह का नया नया नज़ारा; ठंडी सी हवा लेकर आई है पैगाम हमारा; जागो, उठो, हो जाओ तैयार; मिलने को खुशियाँ तुमसे कब से कर रही हैं इंतज़ार। सुप्रभात!
ऐ सुरज मेरे अपनो को यह पैगाम देना; खुशियों का दिन हँसी की शाम देना; जब कोई पढे प्यार से मेरे इस पैगाम को; तो उन को चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान देना। सुप्रभात!
तमन्नाओ से भरी हो ज़िंदगी; ख्वाहिशों से भरा हो हर पल; दामन भी छोटा लगने लगे; इतनी खुशियां दे आपको आने वाला पल। सुप्रभात!
कदम-कदम पे सुनहरे फूल खिलें; ना हो कभी काँटों का सामना; ज़िंदगी आपकी यूँ ही खुशियों से भरी रहे; करते हैं हम हरदम यही कामना। सुप्रभात!