सुबह काफी हो चुकी है, अब चिराघ बुझा दीजिये; एक हसीं दिन राह देखता है आपकी; बस पलकों के परदे उठा लीजिये! शुभ दिवस!
सुबह सुबह ज़िन्दगी कि शुरुआत होती है; किसी अपने से बात हो तो खास होती है; हंस के प्यार से अपनों को शुभ दिवस बोलो तो; खुशियाँ अपने आप साथ होती हैं! शुभ दिवस
रात के बाद सुबह को आना ही था; गम के बाद खुशी को आना ही था; क्या हुआ अगर हम देर तक सोते रहे; पर हमारा शुभ दिवस मैसेज तो आना ही था! शुभ दिवस!
सुबह काफी हो चुकी है; अब चिराघ बुझा दीजिये! एक हसीं दिन राह देखता है आपकी; बस! पलकों के परदे उठा लीजिये! शुभ दिवस!
सुबह का हर पल ज़िन्दगी दे आपको; दिन का हर लम्हा ख़ुशी दे आपको; जहाँ गम की हवा छू के भी न गुज़रे; खुदा वो जन्नत सी ज़मी दे आपको! शुभ दिवस!
दीपक में अगर नूर न होता; तनहा दिल मजबूर न होता; हम आप को 'शुभ दिवस' कहने ज़रूर आते; अगर आपका घर इतनी दूर न होता!
एक आह जो दिल को रुला दे; एक वाह जो मन को बहला दे; एक राह जो मंजिल को मिला दे; और एक मैसेज जो अपनों की याद दिला दे! शुभ दिवस!