जीवन के हर मोड़ पर सुनहरी यादों को रहने दो; ज़ुबान पर हर वक्त मिठास को रहने दो; यही अंदाज है जीने का कि ना रहो उदास और ना किसी को रहनो दो। शुभ रात्रि!
चाँदनी लेकर ये रात आपके आँगन में आये; आसमान के सारे तारे लोरी गा कर आपको सुलायें; आपके इतने प्यारे और मीठे हों सपने आपके; कि आप सोते हुए भी सदा मुस्कुराएं। शुभ रात्रि!
सारा दिन लग जाता है खुद को समेटने में; फिर रात को यादों की हवा चलती है और हम फिर से बिखर जाते हैं। शुभ रात्रि!
पलकों में कैद कुछ सपने हैं; कुछ बैगाने और कुछ अपने हैं; ना जाने क्या कशिश है इन ख्यालों में; कुछ लोग हमसे दूर होकर भी कितने अपने हैं। शुभ रात्रि!
नहीं पता कौन सी बात आखिरी हो; ना जाने कौन सी मुलाक़ात आखिरी हो; याद करके इसलिए सोते हैं सब को; ना जाने ज़िन्दगी में कौन सी रात आखिरी हो। शुभ रात्रि!
जन्नत के महलों में हो महल आपका; ख्वाबों की हसीन वादी में हो शहर आपका; सितारों के आँगन में हो घर आपका; दुआ है ऐसा खूबसूरत हो हर पल आपका। शुभ रात्रि!
खुदा हर बुरी नज़र से बचाये आपको; दुनिया की तमाम खुशियों से सजाये आपको; दुःख क्या होता है यह कभी पता न चले; खुदा ज़िंदगी में इतना हंसाये आपको। शुभ रात्रि!
दूर रहते हैं मगर दिल से दुआ करते हैं हम; प्यार का फ़र्ज़ दिल से अदा करते हैं हम; आपकी याद सदा साथ रखते हैं हम; दिन हो या रात आपको ही याद करते हैं हम। शुभ रात्रि!
चाँद ने चाँदनी बिखेरी है; तारों ने आसमान को सजाया है; कहने को तुम्हें शुभ रात्रि; देखो स्वर्ग से कोई फरिश्ता आया है। शुभ रात्रि!
दूर रहते हैं मगर हम दिल से दुआ करते हैं; प्यार का फ़र्ज़ हम घर बैठे अदा करते हैं; आपकी याद को हम सदा साथ रखते हैं; दिन हो या रात बस आपको ही याद करते हैं। शुभ रात्रि!
जब रात में आपको किसी की याद सताए; सुहानी हवा जब आपके बालों को सहलाये; तो कर लो आँखें बंद और सो जाओ; कहीं वो आपके ख्वाबों में ना आ जाये। शुभ रात्रि!
दुखों को कह दो अलविदा; खुशियों का तुम कर लो साथ; चाँद की यह चांदनी और तारों की बारात; लेकर मीठे सपने संग आ गयी है यह रात। शुभ रात्रि!