मैं जब भी अपने दोस्तों को कोई अक्लमंदी वाली बात बोलता हूँ तो सब मुझे यही पूछते हैं... . . . . . . . . . . . साले फिर दारु पीकर आया है क्या?
कभी रोता हूँ, वो किसी को दिखाई नहीं देता; कभी चिंतित रहता हूँ, कोई परवाह नही करता; कभी मायूस होता हूँ, कोई पूछने तक नही आता; पर जब कभी बीयर की दुकान पर अकेला जाता हूँ; कोई ना कोई पीछे आ ही जाता है और पूछ लेता है - "क्या भाई अकेले-अकेले?"
एक शराबी आशिक की शायरी: मैं पीकर नहीं बहकता, बहकता हूँ तो उसे देखकर बताओ कि शराब हराम है या वो; तभी अंदर से माँ की आवाज़ आई। शराब हराम है वो हरामजादी और तू हरामखोर! कसम से सब साफ़ हो गया।
एक आदमी ने किसी शराबी से पूछा, "पहले अण्डा आया या मुर्गी?" शराबी: सबसे पहले चखना आया फिर अण्डा, बाद में मुर्गी आई फिर 2 बियर और आई और फिर आखिर में आया बिल।
सभी दोस्तों से हाथ जोड कर प्रार्थना है कि कृपया शराब से संबधित चित्र, कार्टून, जोक्स आदि ना भेजा करें . . . . . . . . साला खामखा मूड बन जाता है।
फ़ौज़ में एक जवान बहुत शराब पीता था। मेजर (जवान से): तुम इतनी ज्यादा पीते हो। अगर तुम्हारा रिकॉर्ड ठीक होता तो आज तुम सूबेदार होते। जवान: माफ़ कीजिये जनाब, आप सूबेदार की बात कर रहे हैं, पीने के बाद तो मैं अपने आप को कर्नल समझने लगता हूँ।
हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी, कि हर ख्वाहिश पे दिल से 'Rum' निकले; जी भर के हम कभी ना पी पाये, क्योंकि जेब में पैसे हमेशा कम निकले।
भूंकप के झटकों से काँच की बोतलें टूट सकती हैं इसलिए सबसे पहले दारु को पलासटिक की बोतलों में भर लें। खाना तो कोई न कोई दे ही देगा लेकिन दारू का इंतज़ाम तो खुद ही करना पड़ेगा। शराबी संघ द्वारा जनहित में जारी!
कल शाम दोस्तों ने जबरन बिठा लिया और फिर चला सिलसिला "जाम" का। तभी श्रीमती जी का फ़ोन आ गया और बोली, "कहाँ हो?" मैंने भी सच सच कह दिया कि "जाम" में फंसा हूँ, थोड़ी देर लगेगी।
अरे मैं हमेशा के लिए थोड़ा अलग हो रहा हूँ। बस कुछ दिनों की बात है यूँ उँगलियों पर गिन कर बीत जायेंगे "नवरात्रि"। ~ सच्चा शराबी।