अगर भीगने का इतना ही शौक है बारिश में तो देखो ना मेरी आँखों में; बारिश तो हर एक के लिए होती है; लेकिन ये आँखें सिर्फ तुम्हारे लिए बरसती हैं।
ये मौसम भी कितना प्यार है; करती ये हवाएं कुछ इशारा है; जरा समझो इनके जज्बातों को; ये कह रही हैं किसी ने दिल से पुकारा है।
जब जब आता है ये बरसात का मौसम; तेरी याद होती है साथ हमदम; इस मौसम में नहीं करेंगे याद तुझे ये सोचा है हमने; पर फिर सोचा कैसे बारिश को रोक पायेंगे हम।
उनका वादा है कि वो लौट आयेंगे; इसी उम्मीद पर हम जिये जायेंगे; ये इतंजार भी उन्ही की तरह प्यारा है; कर रहे थे कर रहे हैं और किये जायेंगे।
सावन ने भी किसी से प्यार किया था; उसने भी बादल का नाम दिया था; रोते थे दोनों एक दूसरे की जुदाई में; और लोगों ने उसे बारिश का नाम दिया था।
आज बादल काले घने हैं; आज चाँद पे लाखों पहरे हैं; कुछ टुकड़े तुम्हारी यादों के; बड़ी देर से दिल में ठहरे हैं। शुभ वर्षा ऋतू!
भीगे मौसम की भीगी सी सूरत; भीगी सी याद भूली हुई बात; वो भीगी सी आँखें; वो भीगा हुआ साथ; मुबारक हो आपको आज की खूबसूरत बरसात!
बारिश के मौसम में क्या आपका दिल मचलता है; क्या पानी में भीगने का भी आपका दिल करता है; इसमें आपकी गलती नहीं है; इस मौसम में हर मेंढक ऐसे ही फुदकता है।
भीगे मौसम की भीगी सी सूरत; भीगी सी याद भूली हुई बात; वो भीगी सी आँखें, वो भीगा हुआ साथ; मुबारक हो आपको, आज की खूबसूरत बरसात।
आज मौसम कितना खुश गंवार हो गया; खत्म सभी का इंतज़ार हो गया; बारिश की बूंदे गिरी कुछ इस तरह से; लगा जैसे फलक को ज़मीन से प्यार हो गया। हैप्पी मानसून।