मौसम के भी अपने नखरे हैं। पद्मावती के चक्कर में 4 दिन किसी दिन ने ध्यान नहीं दिया तो दिल्ली का स्मोग अपने आप ठीक हो गया।
ये ऐसा पहला मानसून है, जो ना किसी की मान रहा है ना सुन रहा है! सूरज सर छुट्टी पर गए हैं इसलिए उनकी जगह वर्षा मैडम एक्स्ट्रा क्लासेस ले रही हैं! जबकि वर्षा मैडम का कोर्स पूरा हो गया है अब तो वह रिवीजन पर रिवीजन कराई जा रही है!
गर्मी से कोरोना मरे न मरे पर कोई इस वक्त... . . . छत पर लगी टंकी के पानी से नहा ले तो जरूर मर जायेगा!
नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी से गुज़ारिश है कि अगर आपका यार हँस लिया है तो बारिश बंद करवा दीजिये! बहुत परेशानी हो रही है अभी!
मेरी दुआयें कबूल होनी शुरू हो गयी हैं! सर्दियों में टंकी में जो गर्म पानी की दुआ मांगी थी, अब पूरी हो रही है!
मौसम का हाल देख लगता है कि लॉकडाउन गलत टाइम पे लग गया था! इस समय लगना चाहिए था... कम्बख्त रजाई से बाहर निकलने का दिल ही नहीं करता!