कोशिश करो कि ज़िन्दगी का हर लम्हा अच्छे से अच्छा गुजरे; क्योंकि...., जिंदगी नहीं रहती पर अच्छी यादें हमेशा जिंदा रहती हैं।
जिन्दगी ऊसी ऊसिको आजमाती है हर मोड़ पर चलना जानता है कुछपाकर तो हर कोई मुसकराना जानता है जिन्दगी ऊसी की होती है जो सब खोकर भी मुस्कुराना जानता है
रात के समय एक दुकानदार अपनी दुकान बन्द ही कर रहा था कि एक कुत्ता दुकान में आया । उसके मुॅंह में एक थैली थी। जिसमें सामान की लिस्ट और पैसे थे। दुकानदार ने पैसे लेकर सामान उस थैली में भर दिया। कुत्ते ने थैली मुॅंह मे उठा ली और चला गया। दुकानदार आश्चर्यचकित होके कुत्ते के पीछे पीछे गया ये देखने की इतने समझदार कुत्ते का मालिक कौन है। कुत्ता बस स्टाॅप पर खडा रहा। थोडी देर बाद एक बस आई जिसमें चढ गया। कंडक्टर के पास आते ही अपनी गर्दन आगे कर दी। उस के गले के बेल्ट में पैसे और उसका पता भी था। कंडक्टर ने पैसे लेकर टिकट कुत्ते के गले के बेल्ट मे रख दिया। अपना स्टाॅप आते ही कुत्ता आगे के दरवाजे पे चला गया और पूॅंछ हिलाकर कंडक्टर को इशारा कर दिया। बस के रुकते ही उतरकर चल दिया। दुकानदार भी पीछे पीछे चल रहा था। कुत्ते ने घर का दरवाजा अपने पैरोंसे २-३ बार खटखटाया। अन्दर से उसका मालिक आया और लाठी से उसकी पिटाई कर दी। दुकानदार ने मालिक से इसका कारण पूछा । मालिक बोला "साले ने मेरी नींद खराब कर दी। चाबी साथ लेके नहीं जा सकता था गधा।" जीवन की भी यही सच्चाई है। आपसे लोगों की अपेक्षाओं का कोई अन्त नहीं है। जहाँ आप चूके वहीं पर बुराई निकाल लेते हैं और पिछली सारी अच्छाईयों को भूल जाते हैं। । यही संसार हैं ।
इन्सान भी क्या चीज है? दौलत कमाने में सेहत खोता है। सेहत पाने में दौलत खोता है । जीता ऐसे है जैसे कभी मरेगा नहीं । मरता ऐसे है जैसे कभी जीया ही नहीं ।
"बंधन" हमेशा "दुख" देता हैं और "संबंध" हमेशा "सुख" देता हैं हमारा आप से और आपका हम से "संबंध" हैं, कोई "बंधन" नही हैं.
जिंदगी की बैंक में जब " प्यार " का " बैलेंस " कम हो जाता है तब " हंसी खुशी " के चेक बाउंस होने लगते है इसलिए हमेशा अपनों के साथ नज़दीकियां बनाए रखिए और प्यार बांटते रहे........
भगवान को मंदिर से ज्यादा मनुष्य का हृदय पसंद है। क्योंकि मंदीर मैं इंसान की चलती है। हृदय में भगवान की।
स्मशान के बाहर लिखा था मंजिल तो तेरी यही थी, बस जिन्दगी गुजर गई आते आते. क्या मिला तुझे इस दुनिया को सता के, अपनों ने ही जला दिया तुझे जाते जाते ।
नाराज़गियों को कुछ देर चुप रहकर मिटा लेना बहतर है.. गलतियों पर बातें और बहस करने से रिश्ते उलझ जाते हैं..।।