कोरोना ने लिखित रूप में ये आश्वासन दिया है कि वो 2 मई तक पश्चिम बंगाल और अन्य राज्य जहाँ चुनाव हो रहे हैं, वहाँ नहीं जायेगा!
पहले एक स्त्री के कपडे उतारने पर महाभारत हो गया था! और अब कपडे पहनने को बोल दो, तो महाभारत हो रहा है!
किसी के गुजर जाने के बाद शहर बंद होना, हमने बहुत बार देखा है! मगर कोई गुजर न जाए, इसलिए शहर को बंद होते..पहली बार देखा है! बात छोटी सी है, पर है विचारणीय! "मास्क कफ़न से छोटा होता है" पहन लीजिए!
प्राईवेट नौकरी में टारगेट का रोना रोने वालो... एक सरकारी सब इंस्पेक्टर को भी 100 करोड़ रुपए महीने का टारगेट मिलता है... (मुंबई) पुलिस में!
पिछले लॉकडाउन में खाना बनाना सीख लिया था! इस बार लॉकडाउन हुआ तो पापड़, बड़ी बनाना भी सीख लूंगा साथ में आचार डालना भी!
कोरोना तो धर्मपत्नी जैसा है। शुरु में लग रहा था इसे कंट्रोल कर लेंगे, फिर पता चला इसके साथ तो एडजस्ट ही करना पड़ेगा।
कोरोना अभी 18 साल का नहीं हुआ तो उसे चुनाव में कोई इंटरेस्ट नहीं है! इसलिए जहाँ चुनाव होते हैं, वहाँ ये नहीं जाता!
सरकारी नौकरी वाले सब की मोहब्बत को ब्याह ले जाते हैं इसलिए हमारी दयालु सरकार सब कुछ प्राइवेट कर रही है!
सब कहते थे कि तेज़ गर्मी में कोरोना मर जायेगा! यहाँ गर्मी बढ़ते ही इसकी मौज शुरू! हर साल गर्मी की छुट्टी मनाने चला आता है!