ऐ माँ नवाज दे उन्हें तू तेरी महर से, जिन्होंने देखा नहीं दुनिया को दुनिया की नजर से, जिनके चहरे की मासूमियत तेरे वजूद की गवाह है, जिनको रहती है उम्मीद बस तेरे ही दर से।
मेरी दीवानगी का उधार 'श्याम' तुझे चुकाने की जरुरत नही है, मैं तुझे देखता हूँ और किश्तें अदा हो जाती है।
संसार आँख खोलकर देखा जाता है, परमात्मा आँख बंद करके देखा जाता है! संसार दूर-दूर है, उसके लिए यात्रा करनी पड़ती है; परमात्मा पास-पास है, उसके लिए सब यात्रा छोड़नी पड़ती है!
जहाँ आपको लगे कि आपके लिए जगह नहीं है; बस धक्का-मुक्की करके बना लो! हर बार इमोशनल होने की ज़रूरत नहीं!
भक्ति हमें सम्पति तो नहीं देती पर प्रसन्नता ज़रूर देती है! प्रसन्नता से बढ़कर कोई स्वर्ग नहीं और निराशा से बढ़कर कोई दूसरा नर्क भी नहीं है!