किसी से उम्मीद लगाने से बेहतर है मुल्तानी मिट्टी लगा लो! रंग भी निखर जायेगा और और दिल को भी सुकून मिलेगा!
पहले कमाने जाते थे तो ठंडी रोटी मिलती थी! अब नहीं कमा रहे हैं तो गरमा गरम रोटी मिल रही है! वाह रे ईश्वर, तेरी माया!
लॉकडाउन की कहानी: 25 मार्च से 14 अप्रैल - त्रेतायुग 15 अप्रैल से 3 मई - द्वापर युग 3 मई से ... - कलयुग (मंदिर बंद दारू की दुकान चालू)
केवल ज़रूरी चीज़ें ही खुलेंगी! स्कूल, कॉलेज बंद रहेंगे! और हम समझते रहे पढ़ाई ज़रूरी है, लेकिन ज़रूरी तो शराब है!