दो पल की जिन्दगी के, "दो नियम": किसी को प्रेम देना सबसे बड़ा उपहार है और किसी का प्रेम पाना सबसे बड़ा सम्मान है! ध्यान रहे कि, रूठी हुई खामोशी से बोलती हुई शिकायतें अच्छी होती हैं!
ज़िन्दगी में कितने भी आगे निकल जाएं फिर भी सैंकड़ों लोगों से पीछे रहेंगे! ज़िन्दगी में कितने भी पीछे रह जाएं फिर भी सैंकड़ों लोगों से आगे होंगे! अपनी जगह का लुत्फ़ उठाएं, आगे पीछे तो दुनिया में चलता रहेगा!
वक़्त, दोस्त और रिश्ते वो चीज़ें हैं, जो मिलती तो मुफ्त में हैं मगर इनकी कीमत का पता तब चलता है, जब ये कहीं खो जाते हैं!
जब मेहनत करने के बाद भी सपने पूरे नहीं होते तो रास्ते बदलिए सिंद्धात नहीं! क्योंकि पेड़ भी हमेशा पत्ते बदलता है जड़ नहीं! गीता में साफ शब्दों में लिखा है, "निराश मत होना, कमजोर तेरा वक्त है तू नहीं!
ज़िंदगी में समस्या देने वाले की हस्ती कितनी भी बड़ी क्यों न हो, पर भगवान की "कृपादृष्टि" से बड़ी नहीं हो सकती!