पठान: अब्बू मुझे मोटर साइकिल चाहिए। अब्बू: अल्लाह ने पैर क्यों दिए हैं? पठान: एक गियर डालने के लिए और दूसरा ब्रेक लगाने के लिए।
पत्नी: आप इतनी शतरंज क्यों खेलते हैं? पठान: इससे मैं मुस्तैद रहता हूँ। पत्नी: मुस्तैद रहते हैं, किसलिए? पठान: शतरंज खेलने के लिए।
चोर (बंदूक तानते हुए) बोला: "जिंदगी चाहते हो तो अपना पर्स मेरे हवाले कर दो। पठान: ये लो। चोर: कितने मूर्ख हो तुम, मेरी बंदूक मे तो गोली ही नहीं थी। पठान: और मेरे पर्स मे भी कहां रुपये थे।
पठान: डॉक्टर साहब, चश्मा लगा के हम अखबार पढ़ सकेगा न? डॉक्टर: हाँ, बिल्कुल। पठान: फिर ठीक है, वर्ना अनपढ़ की भी कोई जिंदगी है।
ज़मीदार: मेरी इतनी ज़मीन है कि मैं अपनी कार पर निकलूं तो शाम तक आधी ज़मीन पर पहुँचता हूँ। पठान: हाथ मिलाओ, हमारे पास भी पहले ऐसी ही 'खटारा' कार थी।
एक फ़क़ीर पठान के घर पर गया और बोला: मैं अल्लाह का मेहमान हूँ। पठान उसका हाथ पकड़ कर मस्जिद में ले गया और बोला: "अल्लाह का घर ये है।"
बॉस: तुम्हें 15 दिन की छुट्टी क्यों चाहिए? पठान: कज़न का शादी है। बॉस: कजन की शादी में 15 छुट्टियां क्यों? पठान (शर्माते हुए) बोला: कज़न का शादी हमसे हो रहा है।
पठान अपनी बीवी की क़ब्र पे ज़ोर-ज़ोर से पंखा चला के रो रहा था। किसी ने कहा: इतनी मोहब्बत? या अल्लाह। पठान बोला: मरने वाली कह गई थी, मेरी क़ब्र की मिट्टी सूखने के बाद ही दूसरा निक़ाह करना। पता नहीं कौन साला रोज 2 बाल्टी पानी डाल जाता है?
पठान नक़ली नोट लेकर दुकान पर सर्फ लेने गया। दुकानदार: इसमें क़ायद-ए-आज़म की टोपी नहीं है। पठान: टोपी मैली (गंदी) है, उसी के लिए तो सर्फ लेने आया हूँ।
एक पठान साइकिल चलाते और गुनगुनाते हुए कहीं जा रहा था। रास्ते में एक औरत से टकरा गया। औरत चिल्ला कर बोली,"ब्रेक नही मार सकता था क्या?" पठान हैरत से बोला, "पूरा साइकिल मार दिया, अभी ब्रेक मार के क्या फ़ायदा।"