आशिक: बाबा आपके आरती उतारने में और हमारे पेंटी (panty) उतारने में क्या समानता है? बाबा जी: "बच्चा आरती उतारने से हमें मन की शांति मिलती है और पेंटी उतारने से हमें तन की शांति मिलती है।"
चुंबन (kiss) करते हुए भले ही नाक बीच में ना आती हो; लेकिन; . . . . . . बंदी (female) लड़कों का हाथ जरूर पकड़ लेती है।
बिहार के गाँवों में आज भी फिल्म का प्रचार ट्रकों से किया जाता है। एक दिन कुछ ऐसी घोषणा हुई: फिल्म का नाम: बड़े घर की बहुरानी। "बड़े घर की बहुरानी का मज़ा लीजिये, दिन में पांच बार, 9 से 12, 12 से 3, 3 से 6, 6 से 9 और रात 9 से 12।" ऊपर के 60 रूपए, नीचे के 30 रूपए।
बाबा रामदेव: आज की औरतें इतने कम कपड़े पहनती हैं कि उनकी ब्रा, टाँगे, पीठ पूरे का पूरा बदन दिखता है! . . . . . . संता की आवाज आई, बाबा जी योगा कराओ सुबह-सुबह खड़ा मत कराओ!
कस्टमर केयर वाले कहते हैं; हिंदी के लिए 1 दबाएँ इंग्लिश के लिए 2 दबाएँ; साला ये तो हिंदी बोलने वाले के साथ नाइंसाफी है!
जज: बलात्कार के वक़्त जब वो मुंह में डालने की कोशिश कर रहा था तो तुमने उसके लंड को दांतों से क्यों नहीं काटा? महिला: मैं नहीं कर सकती क्योंकि मैं मैं लौड़ा लहसुन नहीं खा सकती।
"बालिका वधु ख़ास।" आनंदी: दादी सा, सुहागरात के पहले नीचे के बाल काटने पड़ते हैं क्या? दादी सा: पता नहीं छोरी, मेरे तो शादी के चार साल बाद आए थे।
बंता: चिदंबरम के बजट में क्या ख़ास है? संता: इसमें गांड भी अपनी है, तेल भी अपना है, बेड भी अपना है, और गांड मरवा के जो भी कमायेंगे वो सरकार का है।
एक बार एक बाबा ब्लू फिल्म देखने गए और हंस पड़े। भक्त: आप क्यों हंसे बाबा? बाबा: आज 20 साल बाद मेरा खड़ा हुआ है। भक्त: बाबा आपने मेरा पकड़ा हुआ है।
एक लड़के की सुहागरात थी, वो बड़े ही आराम से सेक्स कर रहा था। लेकिन उसकी बीवी जोर-जोर से चीख रही थी। लड़का हैरान होकर बोला: तुम इतना क्यों चीख रही हो? बीवी बोली: बाहर तेरे दोस्त खड़े हैं, चूतिये तेरी इज्ज़त रख रही हूँ।
तार पे कपड़े सूख रहे थे ससुर बोला,"ये काला कपड़ा किसका है?" सास बोली,"बहु की पैंटी है जी।" ससुर: अच्छा कभी पहने हुए नहीं देखा ना, इसलिए पूछ लिया।