पठान के तलाक़ का मुक़दमा अदालत में चल रहा था। जज: मैंने इस मुक़दमे के बारे में यह फैंसला किया है कि तुम्हारी बेगम को हर महीने 20,000 रुपये मुआवजे के तौर पर मिलेंगे। पठान: बहुत-बहुत मेहरबानी जज साहब, और हाँ कभी-कभी मेरे पास पैसे होंगे तो मैं भी थोड़े पैसे दे दिया करूँगा।
सलमा: देखो जी, कल किसी ने मुझे 'I LOVE YOU' का मैसेज भेजा। पठान: ऐसे मैसेज मत रिसीव किया करो, चलो इसे वापस भेज दो।
पठान: डॉक्टर साहब, आज सुबह से मेरे सिर में और पेट में दर्द हो रहा है। डॉक्टर: कोई बात नहीं, यह लो एक गोली पेट दर्द के लिए और एक सिर दर्द के लिए। दोनों अभी खा लो। पठान: लेकिन डॉक्टर साहब, खाने के बाद गोलियों को कैसे पता चलेगा कि किसको किस तरफ जाना है?
पठान ठेले वाले से खाने का सामान पैक करवा रहा था। ठेले वाला: खान साहब, यहीं खा लो। पठान: नहीं यार घर जाकर खाऊंगा, डॉक्टर ने कुछ भी बाहर खाने को मना किया है।
पठान ने चिड़ियाघर में नौकरी कर ली, उसने शेर के पिंजरे को ताला नहीं लगाया। अफसर: तुमने शेर के पिंजरे को ताला क्यों नहीं लगाया? पठान: क्या ज़रूरत है, इतने खतरनाक जानवर को कौन चुराएगा?
पठान खाँसी की दवाई लेने डॉक्टर के पास गया। डॉक्टर: यह दवाई 2 चम्मच सुबह, 2 चम्मच दोपहर और 2 चम्मच रात को 3 दिन तक लेना। पठान: अपना दवाई अपने पास रखो, ऐसे तो हमारे घर के सारे चम्मच ही खत्म हो जायेंगे।
सिंधी, पठान से: तुम ये ईंट लिए क्यों फिर रहे हो? पठान: वो मैं अपना घर बेचना चाहता हूँ और ये उसका नमूना है।
पठान: तुम्हें पता है मुझे दिव्य दृष्टि मिल गयी है। मुझे आँखें बंद कर के भी दिखाई देता है। सिंधी: अच्छा तो आँखें बंद करो और बताओ कि क्या दिख रहा है? पठान(आँखे बंद कर): अब चारों तरफ अँधेरा हो गया है।
सिंधी (पठान से): यार रेडियो और अखबार में क्या फर्क है? पठान (बहुत सोचने के बाद): फर्क कुछ ज्यादा नहीं है, मिलती तो दोनों से खबरें ही हैं पर अख़बार रेडियो से ज्यादा फायदेमंद है। सिंधी: वो कैसे? पठान: यार अब रेडियो में तुम रोटियां तो नहीं लपेट सकते न।
पठान डॉक्टर के पास गया और बोला, "डॉक्टर साहब मुझे लगता है मुझे जूतों से एलर्जी है।" डॉक्टर: क्यों, ऐसा क्यों लगता है तुम्हें? पठान: क्योंकि डॉक्टर साहब जब भी मैं जूते पहने सुबह उठता हूँ तो मेरा सिर बहुत दर्द करता है।
सिंधी(पठान से): और बताओ तुम्हारा भाई आज-कल क्या कर रहा है? पठान: बस एक दुकान खोली थी, पर अब तो जेल में है। सिंधी: जेल में, वो क्यों? पठान: वो दुकान हथौड़े से खोली थी न।