बंता:यार, मैंने एक नए डिटर्जेंट से अपना अंडरवियर धोया तो वो छोटा हो गया, अब क्या करूँ? संता: सरल, उसी डिटर्जेंट से अपने चित्तड़ धो ले।
पड़ोसन: आपने ने मुझे रक्त दान दिया (blood donate), आपका बहुत बहुत शुक्रिया। संता: मैडम, मेहरबानी करके शुक्रिया मत कहिये, मैं भले ही नहीं चढ़ सका पर मेरा खून तो चढ़ा।
संता जब वापस घर आया तो उसने देखा कि जीतो सोफ़े पर स्कर्ट में बैठी हुई थी लेकिन उसने पैंटी नहीं पहनी थी। संता को देखते ही वोह टांगे फैलाने लगी। संता को हेराँ और परेशां देखकर जीतो हँसते हुए बोली, "ऐसे क्या देख रहे हो? पैंटी नहीं पहनी है।" संता: तूने तो मुझे डरा ही दिया था, मुझे लगा कि सोफा फट गया है।
एक बार संता के घर में चोर घुस आया। संता ने उसे पकड़ लिया और अपने बेटे से कहा, "इसकी गांड मार"। पप्पू ने काफी प्रयास किया और कहा अंदर नहीं जा रहे हैं। संता: चल छूरी ले और इसकी गांड फाड़, फिर डाल। चोर घबराकर बोला: साहब, एक बार थूक लगाकर तो प्रयास कर लो।
बंता: बूट (shoes) और चूत के बीच में क्या अंतर है? संता: जूतों को हम केवल एक साइज़ में पसंद करते हैं जबकि चूत को हम सभी साईजों में पसंद करते हैं।
पति-पत्नी ट्रेन में ऊपर की सीट पर बैठे थे। पति: जब मैं बोलूं कोका-कोला, तब तुम कपड़े उतार देना, जब मैं बोलूं पेप्सी तो अपनी टाँगे खोल देना और जब तू बोलेगी थम्स-अप तो मैं अन्दर डाल दूंगा। नीचे बैठा संता बोला,"बहनचोद अगर लिम्का मेरे ऊपर गिरा तो तुम्हारी माँ चोद दूंगा।"
एक बार संता को हिचकी आई और हिचकी के साथ ही पाद निकल गया। संता बोला,"कमाल है! याद करने वाले ने तो गांड ही फाड़ दी।"
क्लब में डांसर झुकी तो अमेरिकन ने 100 रूपये का नोट उसकी ब्रा में डाला और ब्रिटिश ने 200 डाले। संता ने atm कार्ड उसकी ब्रा में घुसाया और 300 निकाल लिए?
संता: सेठ जी मुझे जल्दी से एक रूपा की चड्ढी दे दीजिए। दुकानदार: नहीं सर, मैं आपको रूपा की चड्ढी नहीं दे सकता। संता: पर क्यों सेठ जी? दुकानदार: अरे पगले रुपा मेरी बीवी है।
संता: एक ग्लास दूध देना। जीतो: 'ब्रा' ऊपर करके बोली मुंह लगाकर पी लो। संता: तेरी इसी हरकत की वजह से मैंने पानी नहीं माँगा।
अध्यापक: अपने बच्चे को जरा तमीज सिखाओ। संता: क्या हुआ सर? अध्यापक: एप्लीकेशन के सेक्स वाली लाइन में लिखा है, 'कभी मौका ही नहीं मिला'।
जीतो सुहागरात को बोली: इतनी देर मुंह में लेकर चूसा लेकिन आपका खड़ा ही नहीं हुआ। संता: जीतो तू हट जा, हाथों के भूत होंठो से नहीं मानते।