केजरीवाल ने भगवान शिव जी कोखुश करने के लिए घनघोर तपस्या की..भोलेनाथ उसकी तपस्या से खुश होकरप्रकट हो गए और बोले —मैं तुम्हारी तपस्या से प्रसन्न हूं बेटा।मांगो क्या मांगते हो..?.केजरीवाल – मैं चाहता हूं किमोदी जी इस्तीफा दे दें…..भोलेनाथ – तथास्तु.दूसरे दिन ललित मोदी काआईपीएल से इस्तीफा आ गया ..केजरीवालजी नेयह ऐलान कर दिया किनरेंद्र मोदी और भोलेनाथ एक दूसरे से मिले हुए हैं..अगली बार उसनेभगवान विष्णु की उपासना कीऔर कहा कि देश के प्रधानमंत्री इस्तीफा दे।विष्णु जी ने कहा – जैसी तुम्हारी इच्छा…तथास्तु..प्रधानमन्त्री डेविड कैमरून ने इस्तीफा दे दियाअब किस देस के प्रधानमन्त्रीमेंसन करना भूल गए थे केजरीवाल.अच्छा तो यहाँ भी setting है।.केजरीवाल अंत मे ब्रह्मा जी के पास पहुंचेऔर कठिन तपस्या के बाद ब्रह्मा जी को समझाते हुये कहाकि भारत के वर्तमान प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी इस्तीफा दे ।.ब्रह्मा जी ने कुछ सोचकर कहा – ठीक है …तथास्तु..केजरीवाल फूले नही समा रहा था।वो सरपट दिल्ली आया और आते ही पता चला कीभारत के प्रधानमन्त्री ने अपना इस्तीफा दे दिया है।.केजरीवाल नाचने लगा। ढोल मंगाओ। मंजीरे बजाओ।.तब संजय ने पूछा किआप इस इस्तीफे से क्यों खुश हो रहे हैं।मोदी ने इस्तीफा तो गुजरात व्यापार संघ से दिया है।.केजरीवाल धर्म बदलने की सोच रहा है।हिन्दू देवी देवताओ से विस्वास उठ चूका है
पत्रकार :कश्मीर के हालात बहुत खराब है,सीमा पर गोलीबारी हो रही है,आपका क्या कहना है ?राहुल गांधी :सीमा को कुछ दिन घर पर रहना चाहिए
चुनाव सिर्फ 2 ही चरणों में होता है!1. चुनाव के पहले नेता आपके चरणों में।2. चुनाव के बाद आप नेता के चरणों में।
बाबुल की दुआएँ लेती जा, जा तुझको सुखी संसार मिले... मायके की तुझे न याद आए तुझे, ससुराल मे इतना "प्याज" मिले।
फ़िल्म "भाग मिल्खा भाग" नहीं बनती तो नई पीढ़ी जान हीं नहीं पाती कि डी.के. बोस के अलावा भी कोई भागता है।
कांग्रेसियों को राहुल गांधी के प्रति आभारी होना चाहिए कि उन्होंने अभी तक "महत्वपूर्ण भूमिका" नहीं संभाली।
मालूम नहीं परन्तु क्यों "अजमल कसाब" की फांसी नाना पाटेकर का "क्रांतिवीर" का डायलाग याद करवा देती है, "साला एक मछर, आदमी को..."