आजकल जेब से "सेनिटाइजर" की बोतल निकालो तो... . . . . . . लोग ऐसे हाथ बढ़ा देते हैं, जैसे "तंबाकू" बंट रही हो!
लॉकडाउन और उसके नियम: लॉकडाउन 1.0- न आप ये कर सकते हैं न वो कर सकते हैं। लॉकडाउन 2.0- आप ये कर सकते हैं पर वो नहीं कर सकते। लॉकडाउन 3.0- आप वो कर सकते हैं पर ये नहीं कर सकते। लॉकडाउन 4.0- आप ये-वो कर सकते हैं पर वो-ये नहीं कर सकते। लॉकडाउन 5.0- आपको जो करना है करो, हम कुछ नहीं कर सकते।
अगर आपको पता नहीं चल रहा है कि आख़िर आपकी ज़िंदगी में क्या चल रहा है! तो अपने पड़ोसी के पास चले जाओ, उन्हें सब पता होता है!
कोरोना अगर इस भीषण गर्मी से भी नहीं मरा तो... . . . . . बरसात के पानी में डूब कर मर जाएगा, धैर्य रखें!
एक बहुत महत्वपूर्ण प्रश्न सामने आया है! सरकार के अनुसार बारात में 50 लोग ही शामिल हो सकते हैं, लेकिन लौटते समय 51 हो जाएँगे! तो दुल्हन को साथ लाना है या नहीं?
यह जो हम इतने दिनों से मिठाई के लिए घर में तरस रहे हैं ना... ये दीवाली में सोन पापड़ी की बेज़्ज़ती करने से मिला हुआ श्राप है!
हॉरर फिल्मों में जब लड़की को कोई अजीब आवाज़ आती है तो वो कहती है, "कौन है वहाँ"! जैसे भूत आगे से बोलेगा, "मैं हूँ दीदी, भूत! तुम्हें डराने आया हूँ!"
देश की पुलिस आजकल माँ का फ़र्ज़ निभा रही है! समझाती है! देखभाल करती है! खाना खिलाती है! और समझ ना आने पर पिटाई भी कर रही है!