हम बच्चे या माँ में से किसी एक को ही बचा सकते हैं! ये वाली नौटंकी केवल फिल्मों में ही होती है! असल ज़िन्दगी में अगर कोई डॉक्टर ऐसा बोले तो फिर उस डॉक्टर को कोई नहीं बचा सकता!
पता नहीं वो कैसे बच्चे होते हैं जो टीचर के पास नंबर बढ़वाने चले जाते थे! हम को यही डर रहता था कि जो मिले हैं कहीं वो ही ना कट जायें!
ये हमारी संस्कृति है कि हम किसी चीज़ को लात नहीं मारते, वरना फुटबॉल में आज भारत पहले नंबर पर होता! पर हम टाँग ज़रूर खींचते हैं, इसलिए कबड्डी में हम नंबर वन हैं!
पत्नी कैसी होनी चाहिए? इस विषय पर एक हेड मास्टर ने दो घंटे का भाषण दिया! एक छात्र ने मोबाइल में पूरी रिकॉर्डिंग करके उनकी पत्नी ने भेज दिया! कल शायद स्कूल में छुट्टी रहेगी!
एक लड़की की कठोर तपस्या से भगवान खुश हुए और प्रकट होकर बोले, "बोलो देवी, क्या चाहती हो?" लड़की: रहने दो, आप नहीं समझोगे!
गाँव में क्रिकेट खेलते वक़्त चिंगम चबाने वाले लड़के भी खुद को किसी अंतर्राष्ट्रीय खिलाडी से कम नहीं समझते!
महिला: भैया, वो जो मक्खी मारने की गोलियाँ आपने दी थीं, उनसे एक भी मक्खी नहीं मरी। दुकानदार: मैडम, आपका निशाना ठीक नहीं होगा।