जितनी मर्ज़ी FB पर अच्छी फ़ोटो डाल दो, लेकिन 2-3 कमीने ऐसे दोस्त होते हैं जो उस का मज़ाक बना देते हैं।
संता: नालायक पढ़ ले कभी तुने अपनी कोई बुक खोल के देखी है? पप्पू: हाँ मैं रोज़ खोलता हूँ एक बुक! संता: कौन सी? पप्पू: फेसबुक!
दादी (मरते हुए): बेटा मैं अपना फार्म, ट्रेक्टर, 50 जानवर, 22,389,630 कैश तुम्हारे नाम करती हूँ! संता: दादी यह सब है कहाँ? दादी: 'फार्मविले' फेसबुक पर!
दादी मरते हुये: बेटा मैं अपना फार्म, ट्रेक्टर, 50 जानवर, 22,389 ,630 कैश तुम्हारे नाम करती हूँ! संता: दादी ये सब है कहाँ? दादी: फार्मविले फेसबुक पर!
ये बात सुनके मेरे हाथो से गोल गप्पा ही गिर गया! . .. ... जब गोल गप्पे वाले ने कहा, `प्लीज़, हमारे फेसबुक पेज पर अपना फीडबैक ज़रूर देना!`
फेसबुक एक मंदिर है; पेज एक मूर्ति है; स्टेटेस पड़ने वाला भक्त; स्टेटेस डालने वाला पुजारी; स्टेटेस पड़ के जो कमेन्ट न करे; वो मंदिर के बाहर बैठा भिखारी!
ना जाने कैसे पल में बदल जाते हैं ये 'फेसबुक' के बदलते रिश्ते; जुड़कर कर कभी दिल जोड़ दे, रूठें तो दिल तोड़ जाते हैं ये; ये फूल बन कर कभी खिलते हैं, कहीं दिल में कांटे बनकर चुभते हैं ये; जाने कहाँ किस मोड़ पर देकर दगा दिल को छल जाते हैं ये; ये "फेसबुक" के बदलते रिश्ते!
प्रिय फेसबुक, जब भी मैं किसी लड़की को 'फ्रेंडलिस्ट'(Friend List) में जोड़ने की कोशिश करता हूँ तो तुम हमेशा पूछते हो कि "क्या आप इसे जानते हैं"? मैं तुमसे यह पूछता हूं कि क्या "यह तेरी बहन लगती है, कमीने?"
संता: अपने देश का कुछ नहीं हो सकता! बंता: क्यों? संता: क्योंकि यहाँ बूढ़े देश चला रहे हैं और जवान 'फेसबुक'!
रिलाइन्स के नेटवर्क का; एयरटेल के बैलेँस का; और फेसबुक की गर्लफ्रेंड का; . .. ... कुछ पता नहीँ चलता, कब कहाँ उड़ जाये!