एक सफ़ेद बिल्ली पानी में गिर गई, तो उसके पास बैठी काली बिल्ली क्या बोलेगी? सोचो? सोचो? वैज्ञानिकों की तरह मत सोचो, वो म्याऊं-म्याऊं ही बोलेगी।
कोई चीज़ बेवफाई से बढ़कर क्या होगी; गम-ए-तन्हाई जुदाई से बढ़कर क्या होगी; किसी को देनी हो जवानी में अगर सजा; तो वो सजा पढ़ाई से बढ़कर क्या होगी?
पढ़ाई करो फेल होने से मत डरो; लड़कियां छेड़ो बदनामी से मत डरो; हर लड़की को प्रपोज करो इंकार से मत डरो; क्योंकि; गीता में लिखा है कर्म करो फल की इच्छा मत करो।
एग्जाम में कॉपी करके पास हुए जैसे-तैसे; एग्जाम में कॉपी करके पास हुए जैसे-तैसे; जरा पता लगाओ, मुन्नी बदनाम हुई तो कैसे-कैसे?
किसी शायर ने खूब कहा है: इस दौर में वफ़ा की उम्मीद क्या करते हो? इस दौर में वफ़ा की उम्मीद क्या करते हो? वो दौर और था जब; लोग सच्चे, घर कच्चे और 10-15 बच्चे हुआ करते थे।
तुम्हारी याद में इस कदर रोते हैं; तुम्हारी याद में इस कदर रोते हैं; कि पड़ोसी हमारे आंसुओं से बर्तन धोते हैं।