सो सुख पा कर भी सुखी न हो

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सो सुख पा कर भी सुखी न हो
पर एक ग़म का दुःख मनाता है
तभी तो कैसी करामात है कुदरत की
लाश तो तैर जाती है पानी में
पर ज़िंदा आदमी डूब जाता है

This is a great दुःख की शायरी. If you like पानी की शायरी then you will love this. Many people like it for कुदरत की शायरी. Share it to spread the love.

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