​हमने ये शाम चराग़ों से सजा रक्खी है

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​हमने ये शाम चराग़ों से सजा रक्खी है;​
​आपके इंतजार में पलके बिछा रखी हैं
​हवा टकरा रही है शमा से बार-बार;​
​और हमने शर्त इन हवाओं से लगा रक्खी है

This is a great इंतजार की हद शायरी. If you like पलकें शायरी then you will love this. Many people like it for शर्त शायरी.

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