पलको के किनारे हमने भिगोए ही नहीं

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पलको के किनारे हमने भिगोए ही नहीं
वो सोचते है हम रोए ही नहीं
वो पूछते है ख्वाब में किसे देखते हो
हम है कि एक उम्र से सोए ही नहीं

This is a great सागर किनारे शायरी.

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