करूं न याद उसे मगर किस तरह भुलाऊं उसे

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करूं न याद उसे मगर किस तरह भुलाऊं उसे
ग़ज़ल बहाना करूं और गुनगुनाऊं उसे

This is a great बहाना शायरी.

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