तुम बिन ज़िंदगी सूनी सी लगती है

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तुम बिन ज़िंदगी सूनी सी लगती है
हर पल अधूरी सी लगती है
अब तो इन साँसों को अपनी साँसों से जोड़ दे
क्योंकि अब यह ज़िंदगी कुछ पल की मेहमान सी लगती है

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