अजब अपना हाल होता जो वस्ल-ए-यार होता

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अजब अपना हाल होता जो वस्ल-ए-यार होता
कभी जान सदके होती कभी दिल निसार होता
कोई फ़ित्ना या क़यामत न फिर अश्कार होता
तेरे दिल पे ज़ालिम काश मुझे इख़्तियार होता

This is a great अपना ख्याल रखना शायरी. If you like अपना घर शायरी then you will love this. Many people like it for अपना दर्द शायरी. Share it to spread the love.

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