अजीब शख्स है​ नारा​ज ​हो के हंसता है

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अजीब शख्स है​ नारा​ज ​हो के हंसता है;​
मैं चाहता हूं ख़फ़ा हो, तो ख़फ़ा ही लगे...

This is a great अजीब दुनिया शायरी.

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