ग़म-ए-दुनिया भी ग़म-ए-यार में शामिल कर लो

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ग़म-ए-दुनिया भी ग़म-ए-यार में शामिल कर लो
नशा बढ़ता है शराबें जो शराबों में मिलें
अब न वो मैं हूं न तू है न वो माज़ी है 'फ़राज़
जैसे दो साये तमन्‍ना के सराबों में मिलें

This is a great दुनिया दारी शायरी. If you like बदलती दुनिया शायरी then you will love this. Many people like it for बेवफा दुनिया शायरी. Share it to spread the love.

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