मैं नादान था जो वफ़ा को तलाश करता रहा ग़ालिबमैं नादान था जो वफ़ा को तलाश करता रहा ग़ालिबयह न सोचा के एक दिन अपनी साँस भी बेवफा हो जाएगी
सर झुकाओगे तोसर झुकाओगे तो..सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जाएगाइतना मत चाहो उसे वो बे-वफ़ा हो जाएगाहम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम हैजिस तरफ भी चल पड़ेंगे रास्ता हो जाएगामैं ख़ुदा का नाम लेकर पी रहा हूँ दोस्तोंज़हर भी इसमें अगर होगा दवा हो जाएगारूठ जाना तो मोहब्बत की अलामत है मगरक्या खबर थी मुझ से वो इतना खफा हो जाएगासर झुकाओगे तो देवता पत्थर हो जाएगाइतना मत चाहो उसे वो बेवफा हो जाएगा
किसी बे दर्द नेकिसी बे दर्द ने..किसी बे दर्द ने यूँ मेरा दिल तोड़ दियामेरी आदत बिगाड़ कर साथ छोड़ दियाहद तो देखो उसके दिलकश फरेब कीमंज़िल दिखा कर राह को मोड़ दियापुराने ज़ख्म छेड़ देती है हर रातउसने हर दिन नया एक गम जोड़ दियामहल अरमानों का मुश्किल से बनाउसने हर लम्हा एक शीशा तोड़ दियाबेवफा दुनियाँ से 'ताज' कभी नहीं हारीमगर तूने मेरी रूह तक को झिंझोड़ दिया