किसी बे दर्द ने

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किसी बे दर्द ने..
किसी बे दर्द ने यूँ मेरा दिल तोड़ दिया
मेरी आदत बिगाड़ कर साथ छोड़ दिया
हद तो देखो उसके दिलकश फरेब की
मंज़िल दिखा कर राह को मोड़ दिया
पुराने ज़ख्म छेड़ देती है हर रात
उसने हर दिन नया एक गम जोड़ दिया
महल ​अरमानों का मुश्किल से बना
उसने हर लम्हा एक शीशा तोड़ दिया
बेवफा दुनियाँ से 'ताज' कभी नहीं हारी
मगर तूने मेरी रूह तक को झिंझोड़ दिया

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