अभी-अभी लट्ठों और डंडो से भरे ट्रक को अनलोड होते देखा है... . . . . . . . . आशिक़ो की तरह बजरंग दल भी वैलेंटाइन की तैयारी ज़ोरों-शोरों से कर रहा है।
पत्नी: ये क्या, सफ़ेद गुलाब क्यों? वैलेंटाइन डे पर तो लाल गुलाब देते हैं। पति: अब जिंदगी में प्यार से ज्यादा शांति की जरुरत है।
वैलेंटाइन डे आ रहा है। 13 फ़रवरी तक अगर कोई मिल गयी तो ठीक है, नहीं तो 14 फ़रवरी की सुबह बजरंग दल का कर्मठ और झुझारू कार्यकर्ता बन जाऊंगा। मार-मार लाठी सबको सुधार दूंगा।