आपका ख्याल मन से न जाये तो क्या करूँ; आपकी याद सताये तो क्या करूँ; हर पल आपको देखने की चाहत होती है; पर... . . . . . . रोज़ सर्कस न जा पाऊँ तो क्या करूँ।
पत्नी: मेरी तबीयत ठीक नही है; पति: अरे मैं तो सोच रहा था कि कहीं बाहर चलते हैं डिनर के लिए; पत्नी: अरे, मैं तो मजाक कर रही थी; पति: मैं भी! चल उठ, रोटी बना ....शाबाश!
पति: हिप्नोटाइज करना क्या होता है? पत्नी: किसी को अपने कंट्रोल में करके अपनी मर्जी के काम करवाना! पति: चल झूठी! उसे तो शादी कहते हैं!
विवाहित पति: हिप्नोटाइज करना क्या होता है? पत्नी: किसी को अपने कंट्रोल में करके अपनी मर्जी के काम करवाना! पति: चल झूठी! उसे तो शादी कहते हैं!
एक दु:खी पति ने कहा की मांग भरने की सजा कुछ इस तरह पा रहा हूँ; कि मांग पूरी करते-करते, मांग-मांग कर खा रहा हूँ!
सुहागरात पर पति ने पत्नी से कहा, "सब से प्यार से रहना, सभी का सम्मान करना, हमेशा सच बोलना, कभी किसी का दिल मत दुखाना"। पत्नी उठी और कमरे का दरवाजा खोलते हुए बोली, "सब अंदर आ जाओ, यहाँ सत्संग चल रहा है"।