यदि काम के हिसाब से भारतीयों के नाम रखे जायें तो 90% भारतीयों का नाम होगा - रायचंद और बाकी बचे 10% के नाम - हुकुम चंद।
हम भारतीयों को समझना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। घर का कोई बच्चा भले ही ना तुतलाता हो पर शादी के कार्ड पर 'बुआ की शादी में ज़लूल-ज़लूल आना' ज़रूर छपवाएंगे।
यदि कार्य के हिसाब से इंसानों के नाम रखे जायें तो 90% भारतीयों का नाम होगा, राय चंदऔर बचे 10% के हुकुम चंद।
कौन कहता है कि भारतीयों में शर्म लिहाज नहीं होता है। हम तो गैस सिलेण्डर को भी तौलिया/चादर में लपेटकर ले जाते हैं।