हवायें कहती है दोस्ती कर; फिजायें कहती हैं मस्ती कर; बहारें कहती हैं शादी कर; पर; घर वाले कहते हैं 'बकवास' बंद कर।
प्राचीन काल में जो लोग अपनी नींद, भोजन, हंसी, परिवार और अन्य संसारिक सुखों को त्याग देते थे, उन्हें ऋषिमुनी कहा जाता था, कलयुग में उन्हें Online कहा जाता है।